भोजपुरी फिल्म उद्योग
भोजपुरी
फिल्म एवं मनोरंजन उद्योग दिन प्रतिदिन विकाश करता ही जा रहा है, यह स्थानीय
भाषा एवं उसके सहक्षेत्रीय भाषाओ (मिथिला,
मगही, खोरठा
एवं छोटानागपुरी) के लिए भी अच्छा अवसर प्रदान कर रहा है I विद्वान इसे
बिहारियन समूह के भाषाओ का नाम देते है I
आज का भोजपुरी फिल्म एवं संगीत उधोग काफी समृद्ध हो चूका हैI
1964 में शुरू हुआ सफर आज अपने परिपक्वा अवस्था में पहुंच चूका
है जिसका समृद्ध बाजार पूरा पूर्वी भारत (पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड एवं कई बड़े
महानगर) बन गया है I इसके अलावे कई दूसरे देशो जैसे नेपाल, मॉरीसस,
फिजी एवं सूरीनाम में भी भोजपुरी फिल्म एवं संगीत की अच्छी मांग है I
ऐसा नहीं है कि 1964 के पहले भोजपुरी, मगही या मैथली का स्थानीय कोई महत्व नहीं था, कई सदियो से इन बिहारी भाषाओ में पीढ़ी दर पीढ़ी लोकगीत (फगुआ एवं चैती के रूप में) का स्थान्तरण एवं विकाश होता रहा जो आज यह शोध का विषय बन गया हैI कुछ समय पहले ऐसा लग रहा था कि भोजपुरी फिल्म अश्लीलता का पर्याय बन चूका था किन्तु धीरे धीरे जब अब दर्शक मिलने लगे है तो विभिन्न सामाजिक पहलुओं को भी शामिल किया जा रहा है जो प्रशंशा के पात्र है I भोजपुरी फिल्म एवं संगीत की लोकप्रियता का अंदाज़ा यूट्यूब पर दर्शक की संख्या से लगाया जा सकता है जहा किसी भोजपुरी वीडियो को तुरंत करोडो दर्शको का व्यू और लाईक कुछ महीनो में ही मिल जाता है I आशा करते है भविस्य में भोजपुरी फिल्म उधोग और अधिक विकसित होगी और अच्छे कहानियो एवं संगीत के साथ मल्टीप्लेक्स सिनेमा के पर्दो पर भी रिलीज़ किया जायेगा I
डॉ. राजेश कुमार महतो,
PGT शिक्षक (एन. डी.राष्ट्रीय विद्यालय) सीतारामपुर,
आसनसोल, पश्चिम बर्दवान (प0ब0)
संपर्क विवरण: mahtolu@gmail.com, +91-9749620779
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